यदि हमारे पूर्वज युद्ध हारते ही रहे तो हम जिंदा कैसे हैं
यदि हमारे पूर्वज युद्ध हारते ही रहे तो हम जिंदा कैसे हैं... 〰〰🔸〰〰🔸〰〰🔸〰〰🔸〰〰🔸〰〰 हम हिन्दू कैसे बने हुए हैं... हमारे पूर्वजों की भूमि की चौहद्दी प्रायः वैसी ही क्यूँ है... और उसी चौहद्दी को पुनः हासिल करने को हम प्रतिबद्ध क्यूँ हैं सौजन्य : आजकल लोगों की एक सोच बन गई है कि राजपूतों ने लड़ाई तो की, लेकिन वे एक हारे हुए योद्धा थे, जो कभी अलाउद्दीन से हारे, कभी बाबर से हारे, कभी अकबर से, कभी औरंगज़ेब से... *क्या वास्तव में ऐसा ही है ?* यहां तक कि समाज में भी ऐसे कईं राजपूत हैं, जो महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान आदि योद्धाओं को महान तो कहते हैं, लेकिन उनके मन में ये हारे हुए योद्धा ही हैं महाराणा प्रताप के बारे में ऐसी पंक्तियाँ गर्व के साथ सुनाई जाती हैं :- "जीत हार की बात न करिए, संघर्षों पर ध्यान करो" "कुछ लोग जीतकर भी हार जाते हैं, कुछ हारकर भी जीत जाते हैं" असल बात ये है कि हमें वही इतिहास पढ़ाया जाता है, जिनमें हम हारे हैं -- *मेवाड़ के राणा सांगा ने 100 से अधिक युद्ध लड़े, जिनमें मात्र एक युद्ध में पराजित हुए और आज उसी एक युद्ध के बारे में दुनिय...