स्वदेशी आंदोलन सर्वप्रथम आर्य समाज ने चलाया था

स्वदेशी आंदोलन सर्वप्रथम आर्य समाज ने चलाया था 14 अगस्त 18  79 को लाहौर आर्य समाज  आर्यों ने सभा करके यह निर्णय लिया था की पूर्ण रूप से विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करेंगे यह उस समय की बात है जब भारत के लोग मैनचेस्टर में बने वस्त्र पहनते थे बच्चे इंग्लैंड में बने हुए फ्रेंच खिलौनों से खेलते थे मुंशी और लेखक विदेशी कागज का प्रयोग करते थे बीमार लोग विदेशी दवाइयां खाते थे महिलाएं पेरिस में बने नकली मोतियों की माला पहनती थी शराबी लोग विलायती गिलास में ब्रिटिश और फ्रेंच ब्रांडी पीते थे शिकारी शिकार खेलते थे तो इस ट्रांड।      से खरीदी हुई राइफल काम में लेते थे लाहौर में ही सबसे पहली स्वदेशी वस्तुओं की दुकान खोली गई थी और डीएवी कालेज लाहौर स्वदेशी आंदोलन का केंद्र बन गया था कुछ समय पश्चात पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना 1895 में लाजपत राय लाला मूल राज के परिश्रम से की गई थी लाजपत राय के भाई धनपत राय को बैंक का मैनेजर बनाया गया था इस प्रकार से आपको जानना चाहिए 1874  में जब स्वदेशी आंदोलन चला था उस समय गांधी जी की आयु केवल 10 वर्ष थी तो आपको यह मानना चाहिए की स्वदेशी आंदोलन का चलाने वाला आर्य समाज ही था

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