आज का वेद मंत्र

 आज का वेद मंत्र 


ओ३म् नृचक्षसो अनिमिषन्तो अर्हणा बृहद्देवासो अमृतत्वमानशु: ।ज्योतिरथा अहिमाया अनागसो दिवो वर्ष्माणं वसते स्वस्तये ( ऋग्वेद  १०|६३|१४)


अर्थ  :- मनुष्यमात्र के योगक्षेम पर दृष्टि रखने वाले, सदा सावधान रहने वाले, आदर के पात्र, बहुत बड़े विद्वान् जन अमरत्व को प्राप्त करते हैं। ज्ञान मार्ग के पथिक, बुद्धि के धनी, निष्पाप, प्रकाश वाले, उच्च स्थान प्राप्त करने वाले हमारे लिए कल्याणकारी हों।

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