aaj ka mantra

 ओ३म् विश्वे देवा नो अद्या स्वस्तये वैश्वानरो वसुरग्नि: स्वस्तये।  देवा अवन्त्वृभव: स्वस्तये स्वस्ति नो रुद्र: पात्वंहस: ( ऋग्वेद ५|५१|१३ )

अर्थ  :- आज सब विद्वान लोग हमारे कल्याण के लिए हो। सब मनुष्यों में वर्तमान सर्वव्यापक ज्ञान-स्वरूप परमात्मा हमारा कल्याण करे। दुष्टों को दण्ड देने वाला प्रभु  ! हमें पापों से सदा दूर रखें ताकि हमारा सदा कल्याण हो।

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